Introduction in Hindi
डिसेबल्ड एम्प्लाइज एसोसिएशन ऑफ़ रेलवे (DEAR)-
परिचय
प्रिय साथियों, ‘Disable Employees Association of Railway (DEAR)’ का गठन अगस्त 2014 में किया गया था, लेकिन वास्तव में इसका प्रारम्भ तभी हो गया था जब 1998 में उत्तर रेलवे के कुछ विकलांग कर्मचारियों ने रेलवे प्रशासन के द्वारा किये जा रहे अन्याय के विरूध एकजुट होकर सोचना प्रारम्भ किया। तब उनके सामने प्रश्न था कि क्या वे रेलवे में कार्यरत विकलांग कर्मचारियों का राष्ट्रीय स्तर का सगंठन बनाएं, या केवल उत्तर रेलवे तक सीमित रख कर संघर्ष प्रारम्भ करें, और तत्पश्चात् अखिल भारतीय स्तर पर ले जाएं। संसाधनों एवं अनुभव की कमी के कारण यह निर्णय लिया गया कि पहले उत्तर रेलवे में विकलांग कर्मचारियों का संगठन बनाया जाए, तत्पश्चात् भारतीय रेलवे स्तर पर संगठन बनाया जाए। उत्तर रेलवे में ‘Northern Railway Physically Handicapped Employees Welfare Association (NRPHEWA)’ के गठन के पश्चात् इस संगठन के द्वारा किये गए अनेकानेक कार्यों से न केवल उत्तर रेलवे के विकलांग कर्मचारी लाभान्वित हुए,बल्कि समस्त भारतवर्ष में कार्यरत भारतीय रेलवे के विकलांग कर्मचारी लाभान्वित हुए। उत्तर रेलवे में NRPHEWA को मिली सफलता और अन्य जोनल रेलों में कार्यरत विकलांग कर्मचारियों के जुड़ने पर वर्ष 2014 में DEAR का गठन किया गया। सबसे अधिक खुशी की बात यह है कि रेलवे कर्मचारियों का यह संगठन सभी प्रकार के विकलांग कर्मचारियों के लिए समान रूप से कार्य कर रहा है। एसोसिएशन (DEAR/NRPHEWA) के द्वारा किये गये प्रमुख कार्यों में कुछ इस प्रकार हैं:-
1. आयकर के प्रावधानों को PWD Act-1995 के अनुसार परिवर्तित कराने का कार्य किया गया।इससे पूर्व केवल 50% से अधिक विकलांगता वाले कर्मचारियों को ही आयकर में छूट मिलती थी।
2. सीधे भर्ती से भरे जाने वाले पदों में 3% आरक्षण देने का सर्वप्रथम केस भी इसी एसोसिएशन के द्वारा CCPD के न्यायालय में लगाया गया था, जहाँ पर 3% पद स्टे कर दिये गये थे, परंतु उसी समय कुछ अन्य विकलांगजनों के संगठनों के द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय में केस किया गया, लेकिन धनाभाव के कारणNRPHEWA के द्वारा वह केस दिल्ली उच्च न्यायालय में नहीं लड़ा जा सका था।
3. 3% ‘पदोन्नति में आरक्षण’के नियम को उत्तर रेलवे में माननीय उच्चतम न्यायालय में निर्णय के उपरांत लागू कर दिया गया है, इसका श्रेय भी NRPHEWA को जाता है। अब DEAR के माध्यम से लड़ाई लड़ी जा रही है कि इस नियम को यथाशीघ्र समस्त भारतीय रेलवे में लागू कर दिया जाये। इस संदर्भ में माननीय CAT के द्वारा रेलवे बोर्ड को नोटिस जारी कर दिया गया है।
4. विकलांग कर्मचारियों को उनके निवास स्थान के समीप तैनात किये जाने के नियम को लागू कराने हेतु कार्य किया गया।
5. एसोसिएशन के आग्रह पर रेलवे प्रशासन के द्वारा विकलांग कर्मचारियों को उच्च तकनीक के कृत्रिम सहायक उपकरण, विशेष सॉफ्टवेयर आदि प्रदान करने एवं उत्तर रेलवे दिल्ली में उच्च तकनीक युक्त ‘कृत्रिम अंग केंद्र’ (Artificial Limb Centre) की स्थापना का कार्य किया गया।
6. छठे वेतन आयोग (जनवरी 2006 से प्रभावी) की रिपोर्ट में केवल और केवल NRPHEWA के प्रयासों से विकलांगजनों के लिए पहली बार अलग से एक अध्याय जोड़ा गया था, जिसमें से कुछ सिफारिशों पर डी.ओ.पी.&टी (DOP&T) एवं वित्त मंत्रालय द्वारा निम्न आदेश जारी किये गए थे, जिनका लाभ हम सभी विकलांग रेल कर्मचारी ही नहीं,बल्कि अन्य सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारी भी ले रहे हैं:–
§ विकलांग कर्मचारियों को मिलने वाला परिवहन भत्ता (Transport Allowance) सामान्य कर्मचारियों को मिलने वाले परिवहन भत्ते से दोगुने का प्रावधान किया गया, जो वर्तमान में कम से कम 2250/- रु.है।
§ रेलवे कर्मचारी के विकलांग बच्चे को शिक्षा भत्ते की प्रतिपूर्ति (Reimbursement of Education Allowance) सामान्य से दोगुना मिलने का प्रावधान है।
§ सभी विकलांग कर्मचारियों को चार विशेष आकस्मिक अवकाश (Special CL) प्रति वर्ष मिलते हैं।
§ विकलांग महिला कर्मचारियों के लिए बच्चे के जन्म से 2 वर्ष की आयु तक ‘बच्चा देखभाल भत्ता’ (Child Care Allowance) का प्रावधान करवाना। वर्तमान में3000/- रु. प्रतिमाह की दर से यह भत्ता मिलता है, जो प्रथम 02 जीवित बच्चों के लिए देय है।
§ छठे वेतन आयोग के समक्ष रखी गयी हमारी एसोसिएशन की एक अन्य प्रमुख मांग को भी स्वीकृत किया गया, जिसका लाभ समस्त केन्द्रीय कर्मचारियों को मिला है; और वह है ACP (वर्तमान में MACP) की योजना में परिवर्तन, जिसके तहत एसोसिएशन ने मांग रखी थी कि 2 के स्थान पर पूरे सेवाकाल में कम से कम 3 वित्तीय उन्नयन (Financial Upgradation) दी जाएं, जो कि किसी भी कर्मचारी के एक ग्रेड में 10 वर्ष पूरे होने पर (बिना इस बात पर ध्यान दिए कि पहली अथवा दूसरी पदोन्नति कितने समय के पश्चात् हुई थी) तुरंत अगला ग्रेड दे दिया जाए।
7. एसोसिएशन के आग्रह पर रेलवे प्रशासन के द्वारा कर्मचारी हित निधि (Staff Benefit Fund) के माध्यम से प्रत्येक वर्ष विकलांग रेलवे कर्मचारियों के लिए कार्यशालाओं (Workshops) एवं भ्रमण शिवरों (Leisure Camps) का आयोजन करवाया जा रहा है।
8. इसके अतिरिक NRTMA (उत्तर रेलवे, बडौदा हाऊस, नयी दिल्ली) के द्वारा भी प्रत्येक वर्ष रेलवे में कार्यरत विकलांग रेल कर्मचारियों एवं उनके परिवार के सदस्यों के लिए साहसिक गतिविधियों/भ्रमण (Adventure activities/Tour) इत्यादि के कैम्प का आयोजन किया जाता है। इस प्रकार के कैम्पों में सभी जोनल रेलवे के विकलांग कर्मचारी भाग ले सकते हैं।
9. संगठन की माँग पर विकलांग कर्मचारियों के लिए नए पास नियमों को जारी करवाने का कार्य करवाया गया, जिसमें सहचर (Companion) के साथ कर्मचारी एक ही श्रेणी में यात्रा कर सकते हैं। इस नियम का लाभ सेवानिवृत कर्मचारियों एवं रेलवे में कार्यरत सामान्य कर्मचारियों के आश्रितों को भी मिलेगा।
10. NRPHEWA के आग्रह पर उत्तर रेलवे में विकलांग कर्मचारियों हेतु शिकायत निवारण प्रकोष्ठ (Grievances Redressal Cell) का गठन करने का कार्य किया गया, तत्पश्चात DEAR के आग्रह पर अन्य जोनल रेलों में भी शिकायत निवारण प्रकोष्ठ (Grievances Redressal Cell) का गठन किया जा रहा है।
11. इस संगठन के आग्रह पर रेलवे प्रशासन के द्वारा दृष्टिबाधित कर्मचारियों को उत्तर रेलवे समेत कई जोनल रेलों में सहायक उपकरण, कंप्यूटर व विशेष सॉफ्टवेयर प्रदान किए गए हैं।
उपरोक्त कार्यों के अतिरिक्त भी DEAR/NRPHEWA के द्वारा अनेक कार्य किये गए, जिनकी चर्चा स्थानाभाव के कारण यहाँ संभव नहीं है। DEAR की भविष्य की कार्य योजनायें अथवा मांगें:-
A. एसोसिएशन को रेलवे प्रशासन से मान्यता दिलवाने का प्रयत्न करना, एवं संगठन के कार्यालयों हेतु सभी जोनल रेलवे व मंडलों में स्थान प्राप्त करने का प्रयास करना।
B. RPWD Act-2016 एवंRPWD RULES-2017 के अनुसार सभी जोनों में ‘Equal Opportunity Policy’और ‘डिसएबल एम्पलाई रजिस्टर’सभी जोनों में बनवाने का प्रयत्न करना।
C. ‘पदोन्नति में आरक्षण’ (Reservation in Promotion) के नियम को माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार वर्ष 1989 से भारतीय रेलवे के सभी जोनों में लागू करवाना। वर्तमान में यह सिर्फ उत्तर रेलवे में लागू है।
D. रेलवे के समस्त कार्यालयों, स्टेशनों, रिजर्वेशन काउंटरों को सभी प्रकार के विकलांगजनों के लिए पूरी तरह से सुगम (Accessible) बनाया जाए।
E. रेलवे बोर्ड के आदेशनुसार भारतीय रेलवे के उन सभी जोनों, डिवीजनों व उत्पादन इकाइयों में विकलांग कर्मचारियों के लिए Grievances Redressal Cell (शिकायत निवारण प्रकोष्ठ) की स्थापना करवाना, जहाँ अभी तक इनकी स्थापना नहीं की गई है, ताकि विकलांग कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण करने में सहायता मिल सके।
F. विकलांग कर्मचारियों को उनके गृह स्थान के निकट तैनात किये जाने के नियम का पूर्णत: पालन करवाना।
G. विकलांग कर्मचारियों को सहायक उपकरण व कार्यालय उपयोगी सहायक विशेष तकनीक युक्त सॉफ्टवेयर व अत्याधुनिक यंत्र रेलवे प्रशासन से प्रदान करवाना।
H. रेलवे बोर्ड के नियमानुसार विकलांग कर्मचारियों को नियुक्ति के पश्चात् एवं पदोन्नति से पूर्व प्रशिक्षण दिये जाने के नियम का पालन कराने का प्रयास सभी जोनल रेलों मे किया जाएगा, जिससे समस्त विकलांग कर्मचारी अपनी पूर्ण क्षमता से रेलवे के विकास में योगदान कर सकें।
I. रेलवे की सभी वेबसाइटों को एवं रेलवे को कम्पयूट्रीकृत करने के लिए बनाये गये सभी प्रोग्रामों को दृष्टिबाधित कर्मचारियों के लिए पूर्णत: सुगम बनवाना, जिससे दृष्टिबाधित कर्मचारी भी रेलवे के समस्त कार्यों को सुगमता से कर सकें।
J. श्रवणबाधित कर्मचारियों की सुविधा हेतु सभी मंडलों व उत्पादन इकाइयों में ‘साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर’ की नियुक्ति करवाना।
K. विकलांगजनों के लिए पदों को चिन्ह्त करने के कार्य के लिए विकलांग कर्मचारियों से युक्त कमेटियों का गठन करवाना, जिससे भारतीय रेलवे में सही प्रकार से पदों को चिन्हत करने का कार्य किया जा सके, और विकलांग कर्मचारियों की नियुक्ति उनके लिए उपयुक्त पदों पर दी जा सके।
इसके अलावा समय-समय पर भारत सरकार एवं रेल मंत्रालय द्वारा विकलांग कर्मियों के हित में जो भी दिशा-निर्देश जारी किये जाते हैं, उनके अनुपालन कराने का प्रयास भी इस संगठन के द्वारा किया जाता है। इस संगठन के द्वारा भविष्य में भी रेलवे में कार्यरत समस्त विकलांग कर्मचारियों के हितार्थ और उनकी समस्याओं के हल के लिए आपसी सहयोग एवं सहायता से रेलवे प्रशासन के सम्मुख माँगें रखी जाएंगी। यह संगठन भारतीय रेलवे में कार्यरत समस्त विकलांग कर्मचारियों को साथ लेकर चलने के लिए प्रतिबद्ध है, और उन्हें एक सूत्र में बांधने का कार्य करता रहेगा।विभिन्न प्रकार की विकलागताएं सही मायनों में एक-दूसरे की पूरक हैं। साथियों, अभी सभी जोनों और मंडलों में DEAR की कार्यकारणियों का गठन नहीं हुआ है, इस कारण से अभी कुछ जगहों पर हमारे साथियों को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।यथाशीघ्र उन स्थानों पर भी कार्यकारणियों का गठन हो जायेगा, तब आप सभी को उन समस्याओं से निदान दिलाने के लिए एसोसिएशन और अधिक प्रभावी रूप से कार्य कर सकेगी। इसके साथ ही मैं आप सभी से यह भी निवेदन करना चाहता हूँ कि यदि आप अपने वर्ग के लिए कार्य करना चाहते हैं, तो आगे बढ़ें, और विभिन्न स्तर की कार्यकारणियों में शामिल हो कर इस संगठन और विकलांग कर्मचारियों के लिए कार्य करें।
धन्यवाद,
मुकेशगुप्ता
महासचिव/DEAR
मोबाईल नम्बर-98919–47350,95400–01259.